नागयोनि और नागवंश✍️

श्रीमद्भागवत और पद्मपुराण में बताया गया है कि महिर्षि कश्यप की पत्नी दिति से दैत्य,अदिति से आदित्य,विनीता से गरुण और कद्रु से सर्प की उत्पति हुई। नागों में आदि राजा शेषनाग को माना जाता है क्रमशः तक्षक,कार्कोट,धनंजय आदि हुये।

विचारणीय विषय है नाग और नागवंशी राजाओं की। नाग एक योनि है और नागों के पूजक ही नागवंशी कहलाये जिस तरह से सूर्यवंशी
,चन्द्रवंशी,अग्निवंशी रहे है। भारत में प्राचीन परंपरा से नागवंशियों का शासन रहा है। नागों का प्राचीनतम वर्णन अथर्ववेद में है जिसमें कई तरह के नाग बताये गये है।

त्रेतायुग में रावण ने कई नागवंशी राजा को पराजित किया था। मेघनाद की पत्नी सती सुलोचना एक नाग राजकुमारी थी। लक्ष्मण जी स्वयं शेष के अवतार थे। द्वापर में बलराम शेषावतार थे नागवंश का यहाँ भी वर्णन मिलता है।

कलयुग में मगध साम्राज्य में शिशुनाग नाम के राजा का वंश सत्तासीन था। गुप्त शासन में समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति में नाग राजाओं को पराजित करने का वर्णन मिलता है।

हिमालय पर्वत के पास ही कश्मीर,मेघालय,
नगालैंड आदि में नागवंश के राजाओं का अधिकार रहा है। नागवंशियों में ब्राह्मण,क्षत्रिय,
वनवासी सभी रहे है। छत्तीसगढ़ और झारखंड की जनजातियों में कई नागपूजक है अपने को नागवंशी कहते है।

नागों के राजा तक्षक ने ही तक्षशिला नामक नगर बसाया था जोकि पाकिस्तान में है प्राचीन समय में शिक्षा का केंद्र रहा है। भारत में कार्कोट वंश का भी शासन रहा है।

नागों से सम्बंधित नगर,नदी,झीलें , जाति राज्य भी भारत में है जैसे नागोदा,नागपुर और यही नाग नदी,शेषनाग झील कश्मीर में और नागालैंड राज्य। नागा जनजाति नागपूजक है और अपने को नागवंशी कहते है।

6 thoughts on “नागयोनि और नागवंश✍️

  1. इस पोस्ट से काफ़ी जानकारी मिली हमारे भारत के नागवंशी इतिहास की, धन्यवाद! ऐसे ही लिखते रहिए

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    1. सलाह के लिए धन्यवाद🙏
      आज श्रीराममंदिर पर है।
      बाकी धर्म संस्कृति से जुड़े कई आर्टिकल साइट पर उपलब्ध है।

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