पेप्सी,कोक,बेसलेरी,एक्वाफिना,नैस्ले,कैडबरी जहर खिलाये-पिलाये क्या मजाल कोई विरोध कर दे।
इंग्लिश मीडियम के स्कूल का विरोध नहीं क्योंकि आधुनिक बनाया जा रहा है। भले बच्चे आधुनिक शिक्षा लेकर माता-पिता से मारपीट करें।
विरोध वैदिक बोर्ड का करेंगे,अम्बानी,अडानी,पतंजलि
,टाटा और संस्कृत शिक्षा पद्धति का होगा। गीता विश्व के स्कूलों में पढ़ाई जा सकती है लेकिन भारत में सेकुलिरिज्म विधवा हो जाती है। वैदिक शांति पाठ से अमेरिकी सीनेट, न्यूजीलैंड और बिट्रेन के संसद सत्र की शुरुआत हो सकती है भारत में अल्पसंख्यकों की भावनाएं आहत हो जाती है।
वोट बैंक के नाम पर अल्पसंख्यक का अर्थ मुस्लिम से कही कही ईसाई भर से है । भारत में विरोध के नाम पर भारत का विरोध हो रहा है। भारत तोड़ने वाले के लिये कसीदाकारी होगी।
मुस्लिम,ईसाई अपने धर्म की शिक्षा सरकारी इमदाद से ले सकता है । हिन्दू शिक्षा और हिन्दू शिक्षा पद्धति का विरोध सरकारी खर्चे पर होगा। हिन्दू धर्म परिवर्तन करें तो गंगा जमुनी संस्कृति या प्रताड़ित था सम्मान नहीं था। मुस्लिम धर्म परिवर्तन करें तो संविधान खतरे में।
सती प्रथा ,देवदासी प्रथा ,बहुविवाह प्रथा और पर्दाप्रथा हिंदुओं में है ऐसा हमें पढ़ाया जाता है। बुर्का, खतना,हलाला,मुता यह मुस्लिम धर्म की जरूरी चीजें है इसे अन्य धर्मावलंबियों को नहीं जानना चाहिये।
विदेशी कम्पनी का विरोध नहीं किया जायेगा यदि स्वदेशी कम्पनियों का विरोध करना है दिल्ली नेक्सस तैयार है जिसमें कुछ मीडिया घराने भी भाग लेते है।
बड़े चाव से हिंदू धर्म पर नैरेटिव विकसित करने का कार्य, साहित्य , सिनेमा,न्यूजपेपर आदि से किया जाता है । कश्मीरित के नाम लेकर पत्थरबाजी जायज है। नशे में उड़ता पंजाब हो सकता है।
यह सारा विरोध सत्ता बनाने और पाने के लिए किया जा रहा है।