विश्व में भारत की पहचान उसके सनातन धर्म,मन्दिर और बौद्धिक लोगों से होती रही है। भारत अपने ज्ञान,विज्ञान,चिकित्सा पद्धति, ज्योतिष विज्ञान और निर्माण कला से प्राचीन विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया। विश्व में भारत बनने की होड़ लगी थी।
प्राचीन समय में ही भारत का सम्बन्ध बेबिलोनिया,हिब्रू, रोमन,यूनान, मिश्र आदि देश से रहा है। व्यापार अधिशेष सदा ही भारत की ओर था। रोमन,बौद्ध जैसे लोगों की कुत्सिगं चाले भारत में सनातन संस्कृति को नष्ट करने की, कभी सफल नहीं हो पायी। भारत के राजे विक्रमादित्य, पुष्यमित्र शुंग,गौतमीपुत्र शातकर्णी,वशिष्टि पुत्र पुलमाली,गुप्त सम्राट, हर्ष ,नागभट्ट ,बप्पा रावल और दक्षिण भारत के चोल- चालुक्य राजे सनातन धर्म के विद्रोहियों को भारत भूमि से खदेड़ते रहे है।
यह अनवरत संघर्ष बर्बर मुस्लिम लूटेरों के समय में भी जारी रहा। गजनवी,सैयद सालार,गोरी,
ऐबक,इल्तुतमिश, खिलजी,तुगलक से लेकर मुगल तक। यह जरूर है कि जो मुहम्मद गोरी के बाद वाले लुटेरे भारत को अपना आशियाना बनाया लेकिन बुतशिकन (मूर्ति तोड़ने वाला) की उपाधि भी धारण करते रहे। जजिया और तीर्थयात्रा कर लिया । भारत के मंदिर टूटते और लुटते गये इस्लामी सभ्यता भारत में पांव पसारती गयी।
अब आपके मन में प्रश्न होगा जब भारत में इतने बड़े बड़े योद्धा थे तब लुटेरा मुस्लिम भारत में कैसे सफल हो गया? इसको अच्छे से समझा जा सकता है जिसप्रकार आज सत्ता के गिद्ध भारत को नीचा दिखा रहे है भारत को तोड़ने के लिए किसी हद तक जाने को तैयार है उस समय यही घर के भेदी लंका ढाये। अपनों की मुखबिरी सत्ता पाने के लिए विदेशियों से की थी। भारत के राजे के पराजय में मुख्य कारण था गद्दारों का शत्रु खेमें में चले जाना। जिनकी तलवारें सैयद सालार को काट सकती थी
क्या वह अरबी,मुगल,पठान धड़ सर से अलग नहीं कर सकती थी।
भारत के राजाओं में एकता नहीं होने का फयदा विदेशियों द्वारा उठाया गया। बाकी का काम भारत के अंग्रेज परस्त इतिहासकारो ने कर दिखाया। अंग्रेज और बर्बर मुस्लिम लुटेरों का महिमामंडन करके दोष हिन्दू धर्म की कुरीतियों और ब्राह्मणों में खोज निकाला।
ईसाइयों को सबसे बड़ी कामयाबी तक मिली जब भारत के प्रधानमंत्री के पुत्र को एक बारबाला ने फ़सा के शादी कर ली। वह फायदा क्या था ? भावी प्रधानमंत्री और राजनीतिक का सहारा लेकर ईसाई मिशनरियों का खुला खेल फरुखाबादी चलाया जा सके। इस महिला के प्रभाव में कम से कम भारत के 5 करोड़ लोगों को ईसाई बनाया गया। एक नामचीन ईसाई धर्म परिवर्तन कराने वाली महिला को भारत रत्न भी दिया गया।
मुस्लिम शासको का उद्देश्य भारत में स्पष्ट था अवैध कब्जा और इस्लाम का प्रसार। ऐसा मत समझिये कि कोई मुस्लिम शासक किसी हिंदु से संवेदना रखता था। औरंगजेब के समय सबसे ज्यादा मनसबदार हिन्दू थे यह औरंगजेब हिंदुओं को हिन्दू से लड़कर वजीफा देकर इस्लामिक संस्कृति को बचाने के लिये किया था। हिन्दू तलवार हिन्दू के विरुद्ध मुस्लिम साम्राज्य की हिफाजत के लिए।
मुस्लिम शासक जितना हो सकता था उतना हिंदुओं का उत्पीड़न किया। अधोध्या, मथुरा,काशी,सोमनाथ,पाटन, पुरी आदि के मंदिरों को ध्वस्त किया।
दूसरा बड़ा लुटेरा ईसाई और अंग्रेज था जो भारत से व्यापार की नियत से आया और राजा बन बैठा। समाज में हिन्दू- मुस्लिम वैमनस्य का भरपूर लाभ लिया।
ब्राह्मण को सिनेमा,साहित्य के माध्यम विदूषक वही हिन्दू धर्म का बार बार मखौल उड़ाया गया। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में निरूपित किया।
न्यायालय ने हिन्दू को धर्म न मान कर एक जीवनपद्धति कहा जिसका मखौल फिल्मी भांड उड़ाते रहे है। जो आज भी अनवरत जारी है। किसी पैंगबर के कार्टून को चित्रित करने पर चित्रकार की गर्दन काट ली जाती है शोर शराबा विश्व भर में होता है मुस्लिमो की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है इस लिए कमलेश तिवारी हो या चित्रकार उनकी गर्दन काटनी जायज है। इसका शोर भारत के टीवी डिबेट में भी सुनने को मिला है।
क्या हिंदु जब तक किसी हिन्दुधर्म के अपमान करने वाले कि गर्दन नहीं कटेगा तब तक यह फ़िल्म,साहित्य,
मुशायरे,मीडिया में हिंदू धर्म का अपमान होता रहेगा?
ईसाई -मुस्लिम जिसे आप धर्म समझ रहे हो वह धर्म होने की कोटि में नहीं है! जो धर्मावलंबी दूसरे धर्म वाले को हीन समझता । दूसरे की गर्दन काटने,अबोध जीवों को खाने का अधिकार देता है वह धर्म कैसे हो सकता है?
सत्य को दर्शाता खूबसूरत लेख ।
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🙏 धन्यवाद
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It is interesting to know India in people with extensive knowledge of its history as you do. I had no idea about this struggle to preserve the Hindu identity. A good story. From Chile (South America)
Manuel Angel
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Thanks🙏🙏
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You are welcome
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You are right India don’t belong to any Khala or mama or Nana because it belongs to every Indian who born there.
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सत्य दर्शन🙏🙏
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आप सच्चाई को सामने लाकर बेहतर रचना किए हैं। सराहनीय। ✌️👍👏👏👏👏
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धन्यवाद🙏
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बड़ा अच्छा लगता है कि आप तमिलनाडु से है हिंदी इतनी अच्छी है
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बचपन से मुझे हिन्दी भाषा सीखने को जी करता था। वैसे ही सीखने के साथ मेरे पिताजी की कृपा से बात करने की मौका मिली। यहां ज्यादातर लोग मुझसे पूछते हैं कि कहीं मैं उत्तर भारत की हूं। लेकिन मैं आजतक दक्षिण भारत के सिवा कहीं भी गयी नहीं। 😁
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वही मैं भी आपकी हिंदी से आश्चर्य चकित रह जाता हूँ। आप चेन्नई में रहती है आपने बताया भी था दुबारा चेन्नई आया तो आपके दर्शन करने जरूर आऊंगा🙏🙏🙏🙏
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जरूर आइए। 💐
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खाना कौन सा खिलायेगा मुझे दक्षिण के व्यंजन बहुत अच्छे लगे ऐसा नहीं लगा कि मेरा खाना नहीं है। और हाँ मुझे आप का तंजौर जिला और मदुरई का मीनाक्षी माता मंदिर बहुत अच्छा लगा।
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मैं शाकाहारी हूं। हमारे स्पेशल तमिलनाडु के पारंपरिक शाकाहारी भोजन।
जी अच्छा। मेरे ससुराल तंजावुर जिले के हैं। मेरी बहन मदुरै में रहती है। वे भी वहां हिन्दी पढ़ाती है।
आपका हार्दिक स्वागत। 💐
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अरे हम प्रयागराज के ब्राह्मण है जो पूर्ण शाकाहारी है जिसमें सेवई और खीर खाना बहुत पसंद है।
साउथ में लोग मीठा क्यों नहीं खाते?
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खाते हैं। सूजी की हलवाई यहां अक्सर बनाते हैं। और पोंगल भी यहां की स्पेशल है।
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आपका सूजी का मीठा हलवा रहता है?
रसगुल्ले,गुलाब जामुन,पेड़ा,
जलेबी,रसभरी,रबड़ी आदि का प्रचलन आपके यहाँ बहुत कम है एक बेसन के लड्डू छोड़ कर?
इन सबके बिना लगता है हम लोगों के जीवन में खालीपन रहता है।
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अच्छा। अलग अलग तरीके के रीति-रिवाज।
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नमकीन हलवा को उपमा या उत्पम बोलते है आप लोग क्या कहती है जी
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तब तो आप तंजावुर का मंदिर और कुंभकोणम मन्दिर के साथ नागपट्टनम बीच की अच्छी समझ होगी। दोनों मन्दिर पर खास कर कुम्भकोणम की कहानी बताइये।
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जी हां। कुम्भकोणम में ही मेरे ससुराल रहते थे। और मेरे पति की बचपन और पढ़ाई वहीं हुई। हम वहां कभी कभी जाते हैं। वहां के मंदिरों को देखने के लिए एक दिन काफी नहीं है। एक हफ्ते तक ठहरकर आसपास के सारे मंदिरों का दर्शन कर सकते हैं।
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जब हम आये तो आप ले चलिये कुम्भकोणम के पूरे मन्दिर दिखाने।
चोल महाराज के समय के महत्व को बताएं?
आपभी ब्राह्मण है?
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जी जरूर। हम भी ब्राम्हण हैं। यहां तमिलनाडु में हमें अय्यर कहते हैं।
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अय्यर का बहुत सम्मान यहाँ भी है बहुत संस्कारी होते है। तमिलनाडु में गांव के ब्राह्मण की शादी देखने की इच्छा है।
ब्राह्मण की महिमा का वर्णन गोस्वामी बाबा अर्थात तुलसीदास बहुत अच्छे से रामचरितमानस में करते है।
यह ग्रंथ उत्तरभारत के सभी हिन्दू के घर में रहता है । ब्राह्मणों के घर में रोज पढ़ा जाता है।
जिन्हें संस्कृत आती है वह गीता पढ़ते है।
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आप धर्म से जुड़े तथ्य बताइये।
घर में किसका पालन होता है जी अय्यर तो विष्णु भगवान के बड़े भक्त होते है।
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जी हां, यहां अय्यंगार वैष्णव होते हैं, अय्यर शिव और विष्णु के पूजा करते हैं।
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अय्यंगार और अय्यर का विवाह आपस में होता है?
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नहीं, लेकिन आजकल ‘ लवमेरेजस’की वजह से लोग अपने आप को समझौता कर लेते हैं।
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शिखा ,पाद, वेद की दोनों में परम्परा अलग अलग है?
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जी दक्षिण के ब्राह्मण ,उत्तर के ब्राह्मण से अपनी कन्या का ब्रह्मविवाह खुशी खुशी करते है कि नहीं। गंधर्व विवाह की बात अलग है।
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आलवार और नयनार संतों के पंथ अभी भी बचे है क्या?
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उनके पूजन करते हैं।
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जी आपके पति देव अय्यर है और आप भी
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जी हां हम अय्यर हैं।
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शिवोहं शिवोहं! केदार,मानसरोवर का प्लान है
नेपाल के पशुपति नाथ भी बहुत जबरजस्त है।
उत्तर भारत के रामभक्त तुलसीदास को जानती है?
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घर में दैनिक पूजा होती है। उपनयन हुए मर्द सुबह और शाम संध्या वंदन करना अनिवार्य है। खास दिनों में भोजन में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
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अच्छा जी, ग्रंथ के विषय में नहीं बताया आपने
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मैं सौंदर्य लहरी, शिवानंद लहरी, विष्णु सहस्रनाम, ललिता सहस्रनाम, नारायणीयम् के साथ साथ और भी सभी देवी , देवताओं के अष्टोत्तरों का पाठन करती हूं।
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गजब, तब आप विद्वत ब्राह्मणी है🐾🙏
यही कारण है सनातन संस्कार स्त्रियों को मातृशक्ति कहता है कन्या का पूजन किया जाता है। अपनी छोटी बहन पुरुष वर्ग पैर छूकर आशीर्वाद ब्राह्मण में प्रचलन में है आपके यहाँ भी है। भगिनी और पुत्री के पैर छूने का रिवाज?
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जी हां, कन्या को देवी का स्वरूप माना जाता है।
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पैर छू के आशीर्वाद लिया जाता है?
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जी हां। हम नमस्कार करते हैं।
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पुरूष साष्टांग नमस्कार करते हैं। स्त्री घुटने टेक कर करते हैं।
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अतिसुन्दर🙏
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आप हमें अपनी पूजा परम्परा नहीं बता रही है?
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अपने घर और ससुराल के धार्मिक संस्कार बताइये। क्या अभी कोई पुरोहित परम्परा में है?
पूजा कैसे करती है,स्नान कितनी बार होता है।
रामायण कौन सी पढ़ी जाती है? भागवत कथा,शिव पुराण,देवी भागवत,गीता में क्या क्या पढ़ती है। मां गायत्री की उपासना कैसे करती है?
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हर दिन स्नान करके भगवान की पूजा धूप, दीप नैवेद्य के साथ की जाती है। श्लोक पठन की जाती है। हर दिन सुबह हमें ऐसे ही शुरू होती है। स्नान के बाद हम पवित्रता के कारण किसी के पास नहीं जाते, पुराने कपड़ों को नहीं छूते हैं। रात सोने तक बिस्तर को छूना निषिद्ध है। लेकिन यह सभी बातें बच्चे लोग सुनते कहां?? मजाक उड़ाते हैं। इसलिए मैं यह आचरण अपने तक सीमित कर ली।
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बहुत अच्छा। संस्कृति में ? तमिल में?
प्रचलन ऐसा ही यहाँ भी है। दिन में आप नहीं सोती है।
गीले कपड़े में ब्राह्मणी भोजन बनाती है अभी भी
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मैं सिर्फ संस्कृत श्लोकों का पाठन करती हूं।
गीले नहीं, अगले दिन ऊपर सुखाते हैं, स्नान करके लकड़ी से उतारकर पहनते हैं।
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भोजन बनाते समय ,पहले शायद प्रचलन में था
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मैं दिन में सोना नहीं चाहती।
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अच्छा जी
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उत्तर में काशी,प्रयाग,मथुरा,अयोध्या,नैमिषारण्य, पुष्कर,गया,पुरी में कहाँ गयी है?
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अय्यर ब्राह्मण के लिए कहा जाता है कि उनका मूल उत्तर है। यहाँ से गये थे
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अय्यर ब्राह्मण के लिए कहा जाता है कि उनका मूल उत्तर है। यहाँ से गये थे ?
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कितने km में मन्दिर फैला है? सबसे अच्छा कौन सा है
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आप लोग हिंदी की देवियां तमिलनाडु में है🙏🙏
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🙏😊
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मुझे लगा ही नहीं कभी की आप उत्तर भारत की नहीं है। न ही आपके लेख पढ़ कर के।
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अच्छा!! धन्यवाद। 🙏🙏
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तुलसी दास के हनुमान चालीसा रोज पढ़ते हैं।
पाठ्य पुस्तकों में उनके दोहे भी मौजूद है।
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वाह ,बढ़िया है नेपाल के पशुपति नाथ से लेकर विदेशों में भी उनके द्वारा की गयी रचना से देवस्तुति होती है। उन्हें हनुमानजी का अवतार भी कहा जाता है। रामचरितमानस का अध्ययन नहीं किया है तो एक बार जरूर करिये🙏
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जरूर करूंगी।
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तमिलनाडु का ट्रडिशनल धार्मिक कल्चर जो जो है बताइये। मन्दिर का महत्व भी ,आज भी जीवंत अवस्था में है?
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