काशी बोल रहा है🌻

भारत की राजनीति में मोदी से पूर्व का भारत और पश्चात के भारत पर हम सभी कभी चिंतन करेंगे। मोदी के पूर्व का भारत नेता सेकुलर थे फिल्मकार,पत्रकार,अध्यापक,
इतिहासकार और लेखक का एक विजन था भारत की आत्मा पर दासता का अंकन।

बच्चों को शिक्षा के नाम पर बर्बर मुस्लिमों, मुगलों को सेकुलर और अंग्रेजों का भारत का उद्धारक सिद्ध करके पढ़ाया जाता रहा है। इसके लिए दोषी कौन था विचार आप को करना है।

राजनीतिक आरोप की बात की जाय तो सरल भाषा में साहब राजनीति तुम भी कर सकते थे किंतु तुम हिन्दू धर्म का मखौल उड़ाने में लगे थे तुम्हें अब्दुल का ही मजहब दिखाई दिया। हिंदुओं की आह लगी है कि आज सत्ता पाना तुम्हारें लिए गधे की सींग की तरह हो गया है।

एक परिवार के प्रति ऐसी अटूट श्रद्धा रोपी गयी जैसे भारत का जन्म उसी से हुआ है। हिंदू होना लगभग अपराध बना दिया गया था दलित,पिछड़ा,ज्यादा पिछड़ा हो सकते हो। मुस्लिम को वोट बैंक बना, सत्ता की सीढ़ियां खूब चढ़ी गयी। खुले में नमाज हो या इफ्तिखार पार्टी सब जायज था क्यों राजनीतिक सेकुलर का अर्थ बनाया गया हिन्दू संस्कृति से ,उसे खत्म करने से।

वामियों से इतिहास का लेखन एक सामंतवादी प्रकार का कराया गया जिसमें लिखा गया भारत की परतंत्रता और समाज के विखंडन के ब्राह्मण और क्षत्रियों का दोष रहा है। न्यूज में एक एंगल बनाया गया दलित,पिछड़ा और अल्पसंख्यक।

हिंदुओं की लड़कियों के साथ खूब प्रेम का प्रकटीकरण हुआ ,प्रेमी लौंडे मुस्लिम के हो गये। हिन्दू त्यौहारों पर बालीबुड से लेकर मीडिया और प्रचार तंत्र में यहाँ तक कि मुस्लिम भी ज्ञान देता/देती मिल जाता था कि होली ऐसी हो दिवाली ऐसे मने। हिन्दू का मतलब मसखरी ,मुस्लिम का अर्थ मजहबी बनाया गया। वह मुस्लिम जो तीन तलाक,बुर्का, जानवरों की हत्या त्यौहार मनाने के लिए कर रहा है।

ईसाई मिशनरियां चुपचाप हिंदुओं का धर्मांतरण करती रही है जिसमें सहायक थे उनके आधुनिक स्कूल और वेटिकन वाली सोच। यह सनातन धर्म है जो स्वयं के साथ खड़ा रहा है हम अद्वैत पर अडिग रहे है और यह कहा कि ईश्वर दंड दे रहा है उसे स्वीकार करना पड़ेगा। कितनी स्थिति खराब हो एक दिन निश्चित सनातन हिन्दू धर्म का समय आयेगा।

हिन्दू भूत झाड़ने का धर्म नहीं बल्कि स्वयं को जानने का है। सनातनी उद्घोष करता है अहं ब्रह्मस्मि अर्थात मैं ही ब्रह्म हूँ। ब्रह्म अर्थात उस परम शक्ति और हमारे मध्य किसी पैगम्बर ,किसी दूत की जरूरत नहीं है।

भारत की राजनीति ही नहीं बदली वरन समाजिक व्यूह भी बदल गया। भारतियों की अदम्य शक्ति श्रीराम मंदिर से दिखने लगी है बहुत जल्द एक बड़ा परिवर्तन देखेंगे जिन्हें लोभ,लालच और तलवार के जोर पर धर्मांतरित किया गया वह सभी अपने घर हिन्दू धर्म में वापस आयेंगे। जिसके दौर का आरंभ हो चुका है।

गलत इतिहास लिख देने से, सत्ता पा लेने से भारतीयता को ज्यादा दिन दबाया नहीं जा सकता है। यह सदी भारत की सदी बनने वाली है। आप तैयार रहे जितना आप ने सोचा है उससे अधिक मिलने वाला है। यह हिन्दू धर्म है न भूतों न भविष्यति। मनुष्य है तो मनुष्य की गरिमा और महिमा दिखनी चाहिए।

सर्बिया, इराक,सीरिया,अफगानिस्तान की तरह मानव बलात्कार की वस्तु बन कर न रह जाय। जो जैसा है वैसा दिखता है।

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