इस्लाम का उदय अरब की रेतीली भूमि से हुआ है। इस्लाम में मजहब का चोला इतना बड़ा है कि उसमें मुल्क समा जाते है। इस्लाम की शुरुआत कबीलों की प्रतिक्रिया वादी मजहब के रूप में हुई।
कुफ्र,काफिर,किताब,कुरान,सुन्नत,जज़िया, ख़ुम्स आदि ऐसे शब्द से जिसने एक अराजक राजनीतिक विचारधारा को मजहब का रूप दिया गया।
गला काटने ,पत्थर मारने,जमीन में जिंदा गाड़ने,कोड़े मारने का रिवाज है गोया नफरती और फितरती भी है। प्रेम का सबक इस्लाम में नहीं है न ही दया। जानवरों को जिबह करके आज भी खा रहा है जबकि खाने वाली इतनी चीजें मौजूद है।
इस्लाम में गुनाह क्या है? उदारता ,गैर मुस्लिम से ताल्लुकात। यदि कोई तुम्हें रहने की जगह दे तो उसपर इस्लाम आयत करो। यदि वह न माने उस पर पत्थर चलाओ।
कश्मीर की भूमि धरती की जन्नत है किंतु मजहबी चंगुल में होने से उसे नर्क बना दिये है। सोचिए मुस्लिम की जगह वहाँ हिन्दू होता… गुरबत को कौन कहे वह विश्व का टूरिस्ट का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट रहता , साथ हजारों लोग रोजगार पाते।
आज के बक्करवाल,साल,कोट,स्वेटर बेचने वाले करोड़पति होते। लेकिन यह मुसलमान है जिसे मारपीट,कत्लेआम में मजा आता है। मजहब की तरक्की होती है।

विश्व के जितने भी गैर मुस्लिम देश है जहाँ थोड़ा भी मुस्लिम है वह उस देश की सुरक्षा को चुनौती दे रहा है। विश्व में अमन चैन बनाने के लिए इस्लामिक स्कूल वाले सभी मजहब को रोकना होगा।
विश्व के विकल्प हिन्दू,बौद्ध,शिंतो, ताओ आदि है जिसमें सामुदायिकता है और साथ ही हिंसा बहुत कम।
बहुत से लोगों का कहना है कि इस्लाम में इतने लोग मुजाहिदीन कैसे बन जाते है। इसके लिए इनकी पैदाइस को समझिये। एक रेहड़ी वाले,पंचर वाले,ठेले वाले,सब्जीवाले के घर औसतन पांच बच्चें है। जिनको अच्छा भोजन मिलना मुश्किल है। 26/11 मुंबई हमले वाला कसाब ईद पर जीन्स नहीं मिली वह आतंकवादी चिचा हाफिज सईद का फिदाइन बन गया।
मुस्लिम में तालीम की कमी है मजहबी शिक्षा सब पर भारी पड़ती है। मेरे एक परिचित जोकि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से MSC पास किया था कहता है कि जब भारत पाकिस्तान का क्रिकेट होता है हॉस्टल पाकिस्तान बन जाता है। गलत के खिलाफ बोलने का साहस चाहिए, यदि बोले तो गर्दन कटी समझों।
कौन मोल ले कट्टरपंथियों से झगड़े जैसे चल रहा है चलने दीजिये। वरना यह कौम मधुमक्खी है बिना छेड़े शहद देगी,झेडने पर काट खायेगी।
दिल्ली, आनंद,बिहार,उत्तर प्रदेश में रामनवमी शोभायात्रा पर मुस्लिमों द्वारा किया गया पथराव वही करौली राजस्थान में पथराव के बाद आगजनी,खरगोन मध्यप्रदेश में पथराव के बाद हिंदुओं के घर पर आक्रमण,मंदिरों पर पिट्रोल बम फेके गये और सबसे बढ़कर खवातूनों द्वारा पथराव यह सिद्ध करता है कि इस्लाम और किसी को स्थान नहीं देता। वह पूरी कायनात पर किताबी लोगों को चाहता है। सभी काफिरों को जहन्नुम की आग में जलाने को ख्वाहिशमंद है।
भारत का मुस्लिम कन्वर्टेड है, इसके पिता के पिता तलवार की नोंक के दम पर जाहिल बनाएं गये थे। मुस्लिम हिंसा,पत्थरबाजी,आगजनी,गर्दन काटना और आतंकवाद को मजहब का हिस्सा मानता है। इसी कारण यह जहाँ है शांति को चुनौती दे रहा है।
कश्मीर फाइल में खुलती हकीकत ने इनकी कलई खोल दी। सेकुलिरिज्म,भाई चारा यह सब हिंदुओ को छलने के हथकंडे है।
हिंदू मुस्लिम में कभी भाई-चारा न रहा है न रहेगा। मुस्लिम का भारत में आगमन एक रक्तरंजित ,लूटपाट,बलात्कार और हिंदु आस्थाओं के मर्दन,मन्दिर को मस्जिद बनाने से शुरू होता है। भाई चारे के चक्कर में आजादी के बाद छोटे बड़े दंगों की तादाद 3500 से ऊपर है।
गौरतलब है कि मुस्लिम को भी पता है कि अयोध्या,मथुरा,काशी, कुतुबमीनार, धार की मस्जिद, अहमदाबाद की शाही मस्जिद,अढ़ाई दिन का झोपड़ा,अटाला मस्जिद का क्या इतिहास है।
नव मुस्लिम के आस्था के केंद्र स्थल वही पुराने रहे है बस मन्दिर को मस्जिद में बदल दिया गया। मुस्लिम के भारत में दंगा करने की स्थिति सेकुलर राजनीति बनाती है।
देश को धर्म के नाम पर बांट कर मुस्लिम को रोक कर ,उनकी बढ़ती आबादी से सत्ता को सुरक्षित करने की जुगाली रही है ।
हर शहर,गांव में मुस्लिम का अलग क्षेत्र होता है कितने मुहल्ले में पुलिस घुसने में डरती रही है। अब कुछ राज्यों में जरूर सिंघम बन रही है।
अजान 90% हिन्दू क्षेत्र में लाउडस्पीकर पर अजान का क्या काम है । केरल,कर्नाटक,बंगाल,पश्चिमी उत्तर प्रदेश,मेवात में कुछ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मिनी पाकिस्तान बन गये है। भारत पाकिस्तान के बंटवारे पर सरदार पटेल ने कहा था कि बटवारा हम इस लिए स्वीकार कर रहे है जिससे हमारे गांव और मुहल्ले ,ऑफिस में पाकिस्तान न बनने पाएं। आज की स्थिति फिर वही वाली हो गयी।
गांधी और नेहरू ने बटवारें में वह गलती की है जिसका भुगतान पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत का हिन्दू कर रहा है।
भारत की संस्कृति क्या है? बुरका,टोपी,अजान,कटते जानवर,पत्थरबाजी,हिंसा,बलात्कार,आगजनी! की मंत्रोच्चार, धोती,सौहार्द प्रेम,अहिंसा,सहनशीलता आदि।
किन्तु आप स्वधर्म का पालन जाहिलों के समूह के सामने नहीं कर सकते है। सहनशीलता की सीमा होती है हम राम,कृष्ण, शंकर की भूमि की लिए म्लेच्छों से मुकदमा लड़े और राजनीतिक शांति के छलछन्दी कबूतर की बात करता है जिसे मुस्लिम कब के मार कर खा चुके है।
शांति की बात हिंसक पशुओं से नहीं होती है हमारे आदर्श राम और कृष्ण को भी धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने पड़े थे,समुद्र बांधना पड़ा था,भरी सभा में ब्रह्मांड स्वरूप दिखाना पड़ा था।
तुम्हारे एक लड़का है अब्दुल पंचर वाले के सात। तुमने अपने लड़के की शिक्षा पर लाखों खर्च किये अब्दुल ने सरकारी खर्चे पर तालीम दिला ली। तुम्हारा लड़का बेरोजगार है वही अब्दुल का सऊदी चला गया। तुम्हारी उच्च शिक्षा का परिणाम यह निकला कि पूत सेकुलरी सोच का हो गया, अब्दुल का मजहबी।
पैसा तुम्हारा लड़का भले न कमा पाये ,अब्दुल का सऊदी और दुबई में बाल काटकर,बकरी चरा कर बना लेगा। फिर तुम्हारी लड़की को इम्प्रेस करके लव जिहाद सफल कर लेता है।मुस्लिम द्वारा लक्षित प्रजनन का उद्देश्य भारत की हड़प, दारुल इस्लाम बना कर किया जाना।
गोया क्या निकल कर आया? हिन्दू उत्तर भारत में पृथ्वीराज चौहान और दक्षिण भारत रामराज के समय जिस स्वतंत्रता को खोया था वह आज भी नहीं मिली है।
राजनीति हमें सिखाती रही है कि यह वाला समाज बनाओं। इसका कारण हिन्दू स्वयं है जिस कार्य को उसे करना चाहिए उसे राजनीति से करवा रहा है। राजनीति कीमत के रूप में सत्ता मांगती है उसके लिए कुछ भी करती है।
गोरी,गजनवी,तैमूर,बाबर और औरंगजेब आज भी आप की डोर बेल बजा रहे है। यह भी ध्यान रहे गोरी,गजनिवियो,बाबरों के लिए एक मुस्लिम शर्मिंदा नहीं हुआ न ही अयोध्या,मथुरा और काशी के लिए उन्हें कोई खेद है बल्कि यही उनका मजहब है। उसे अपना सिद्ध करना उसका कर्त्तव्य।
हिन्दू की कायरता है कि रामनवमी के जुलूस पर पत्थरबाजी हो रही है। जबकि वह 20 फीसद भी नहीं है। कश्मीर से 370 हटने से वह पाकिस्तान के मुस्लिम से ज्यादा क्रुद्ध है। यह समझिये उसका बस नहीं चल पा रहा है वरना कई लोगों को वह कच्चा चबा जाय।
सौ की सीधी एक बात तुम्हें गंदगी साफ करनी पड़ेगी! भारत मे मुस्लिम समस्या का एकमात्र समाधान घर वापसी है। दूसरे हिंदुओं को शस्त्र धारण करना होगा।
चित्र: खरगोन दंगे के है।

सटीक विश्लेषण..!!!
पर लगता नहीं कोई भी सरकार इस पर पाबन्दी लगाने में सफल हो पायेगी.!😔🙏🏻
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