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आखिर नरेंद्र मोदी लोगों में इतने लोकप्रिय क्यों हो गये है ताली-थाली से लेकर 15 अगस्त की तिरंगा यात्रा तक। वह जो कहते है जनता खुले ह्रदय से करती है सिवा कुछ पार्टी कैडर या कुछ धुर जातिवादी,मजहबवादी को कोड़कर।
तिरंगा यात्रा पर झंडे की बिक्री से लेकर अगले दिन सड़क पर पाये जाने का … इस पर विरोधियों ने तरह तरह का तर्क दिया ,किसे ने संवैधानिक व्याख्या कर इसे गलत बताया। उलाहना पर उलाहना किन्तु जनता के बीच मोदी लगातार लोकप्रियता बढ़ाते जा रहे है। विपक्षियों के लिए यह सिरदर्द है । उन्हें करना क्या था अपनी गलती मान कर नकारात्मक राजनीति की जगह सकारात्मक राजनीति करनी थी जिससे जनता में उन्हे लेकर विश्वास जगे।
विपक्षी राजनीतिक पार्टियां नीतिगत आलोचना की जगह विरोध के लिए नीतियों का विरोध कर रही है उनके पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।
हिंदुत्व का विरोध
राम का विरोध
मन्दिर का विरोध
हिन्दुराष्ट्र का विरोध
जनसंख्या नियंत्रण और सामान नागरिक संहिता बिना आये विरोध
370 हटाने का,NRC लागू करने,तीन तलाक आदि का विरोध
यह पब्लिक है सब जानती है कौन नेता कैसा है वह विपक्षी विरोध के मंसूबे को जान रही है।
विपक्षी कुछ और भ्रम फैलता है एक महंगाई बहुत है और दूसरा चीन से मोदी डरता है। विपक्ष के कुतर्क और देश विरोधियों के साथ खड़े होने से जनता में एक बात बैठ गयी कि मोदी सही नेता है देश मजबूत हाथों में है।

आजादी के 75वे वर्ष का अमृत उत्सव देखने के लिए सुदूर किसी गांव जाइये आप को तिरंगा लगा मिलेगा । अनुमान लगाइये मोदी में ऐसा क्या है कि एक अपील जनता उसे हाथों हाथ लेती है। दीपोत्सव, ताली थाली से तिरंगा तक। एक बात और इस 15 अगस्त को ऐसा लगा मानो कल ही भारत आजाद हुआ है।
Virodh naa ho to rajneet mar jayegi………virodh achcha hai……..hamen bhi pata chale aakhir virodh kar karna kya chahte hain log.
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🌝🌝
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सही बात..!!
विपक्ष के विरोध का स्वरूप बदल गया है.!
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